Monday, February 1, 2021

7 फरवरी को प्रधानमंत्री हल्दिया में राष्ट्र के लिए परियोजनाओं का एक समूह समर्पित करने जा रहे हैं

7 फरवरी को प्रधानमंत्री हल्दिया में राष्ट्र के लिए परियोजनाओं का एक समूह समर्पित करने जा रहे हैं


आज खबर (हिंदी), हल्दिया, पश्चिमबंगाल, ०१/०२/२०२१ : प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ७ फरवरी को हल्दिया में तेल, गैस और सड़क बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का एक समूह राष्ट्र को समर्पित करेंगे।  पश्चिम बंगाल के राज्यपाल श्री जगदीप धनखड़, मुख्यमंत्री श्रीमती ममता बनर्जी सहित विशिष्ट अतिथि इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।

श्री मोदी 347 किलोमीटर लंबी डोवी-दुर्गापुर प्राकृतिक गैस पाइपलाइन को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।  गेल ने प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा परियोजना के तहत Tk 2,433 करोड़ की लागत से डोवी-दुर्गापुर पाइपलाइन को पूरा किया है।  इस परियोजना के दौरान 1.5 मिलियन कार्य दिवस बनाए गए थे।  परिणामस्वरूप, झारखंड के सिंदरी में उर्वरक कारखाने का पुनरुद्धार संभव है।  दुर्गापुर, विभिन्न औद्योगिक कंपनियों, वाणिज्यिक कंपनियों और कार निर्माण उद्योग में मैट्रिक्स उर्वरक कारखाने को गैस की आपूर्ति की जा सकती है।  यह गैस पश्चिम बंगाल के पुरुलिया, आसनसोल और दुर्गापुर को आपूर्ति की जाएगी।

प्रधान मंत्री भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन के कुकिंग गैस आयात टर्मिनल का भी उद्घाटन करेंगे।  पूर्वी भारत में रसोई गैस की मांग बढ़ रही है।  प्रधान मंत्री ने हर घर में पर्यावरण के अनुकूल रसोई गैस उपलब्ध कराने का आह्वान किया।  हल्दिया में भारत पेट्रोलियम के टर्मिनल की लागत 1,100 करोड़ रुपये है।  प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना के शुभारंभ के बाद से देश भर में रसोई गैस की मांग बढ़ गई है।  पश्चिम बंगाल में, जहां 2014 में 41.4 प्रतिशत परिवारों के पास रसोई गैस कनेक्शन था, आज की गणना के अनुसार यह आंकड़ा बढ़कर 99.5 प्रतिशत हो गया है।

प्रधानमंत्री हल्दिया में राष्ट्रीय राजमार्ग 41 पर रानीचके रेलवे लाइन पर चार लेन के फ्लाईओवर का उद्घाटन करेंगे।  हल्दिया का बंदरगाह पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत के साथ-साथ नेपाल और भूटान तक जाने के लिए सामान ले जाता है।  इस फ्लाईओवर के निर्माण में 190 करोड़ रुपये की लागत आई है।

उसी अवसर पर, श्री मोदी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के हल्दिया ऑयल रिफाइनरी में कैटलिटिक डिवोक्सिंग यूनिट की आधारशिला रखेंगे।  इस पर 1019 करोड़ रुपये खर्च होंगे।  यह कंपनी 270 MMTPA की क्षमता के साथ माल परिवहन कर सकती है।  यह परियोजना आत्मनिर्भर भारत अभियान में सहायक होगी।  इन परियोजनाओं से प्रधानमंत्री को पूर्वी भारत में सूर्योदय के अपने सपने को पूरा करने में मदद मिलेगी।  ये परियोजनाएं पश्चिम बंगाल के युवा समुदाय के लिए रोजगार में मदद करेंगी। 

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